Baba ji dikoli 15 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत कविता/गजल/नगमा/प्यार-मुहोब्बत/शायरी/आलेख/दुखः/ 7202 0 Hindi :: हिंदी
पहली दफा बो जो मुझे मिला। इस दिल में कुछ घबराहट हुई। फिर नजर जो उस से मिली तो मानो चाँदनी रात हुई। ये शिलशिला ऐशे ही जारी रहा में उसे देख मुस्कुराता रहा। वो भी जब मुझे देख कर हँसे तो मानो नए वसंत की सौगात हुई। जब पहली मर्तवा मेरी उस से बात हुई मनो बेरंग गुलशन में रंगीन फूलो की सौगात हुई। ये बात का शिलशिला जारी रहा। में भी बहुत खुश था। फिर एक दिन उस से मिलने की बात हुई। दिल में उठी एक वेचैनी नई। फिर इस बेचैनी का अंत हुआ,वो आकर मुझसे मिला। मिलने का शिलशिला जारी रहा। फिर वो घूमने बहार गये, उनके लिबाज और लिहाज भी बदल गए। लगता है उन्हें कोई नया म्यार मिला हमसे भी हसि दिलदार और उंसका प्यार मिला। में फिर से अकेला हुआ। वसंत को पतझड़ मिला। मौषम में थी कुछ नमी आँखों से अश्क़ की बारिश हुई। इस प्रेम कहानी का अंत हुआ कवि कलम ने को विराम किया। @baba ji dikoi