Shiv Kishore 30 May 2023 कविताएँ बाल-साहित्य पब्जी खेल ,खेल पब्जी 6964 0 Hindi :: हिंदी
पब्जी ने कमाल कर दिया , बच्चों का बुरा हाल कर दिया , दिन भर पब्जी रात भर पब्जी , कभी कुर्सी पर कभी खाट पर पब्जी,कभी सोते कभी जागते पब्जी , कभी खाते कभी पीते पब्जी ,मां कहती बेटा खाना खा लो नहीं खाते वह रोटी सब्जी , लड़कों की क्या बात कहें ,लड़कियां भी खूब खेलतीं पब्जी । __ शिव किशोर