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प्रेम समस्त संसार

धर्मपाल सावनेर 08 Apr 2023 कविताएँ समाजिक #प्रेम# क्या है # 7426 0 Hindi :: हिंदी

प्रेम है तो ईश्वर हे
 प्रेम ही समस्त संसार 
प्रेम से हर प्राणी है
 प्रेम ही उपहार 
प्रेम की परिभाषा नहीं
प्रेम का ना आकार
प्रेम ही तो जीत हे
प्रेम ही तो है हार
प्रेम ही चेतना
प्रेम ही विचार
प्रेम से हर बन्धन है
प्रेम से सारा परिवार
प्रेम मे जीते रहो
प्रेम रस पीते रहो
प्रेम सबको करते रहो
प्रेम से हो भव पार 

धरम सिंग राजपूत
8109708044

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