कवि सुनील नायक 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक सिखङली कविता 84451 0 Hindi :: हिंदी
कवि- सुनील कुमार नायक बाई सासरिये चाल पङी, कोयलङी बाघ नै छौङ चली, लडवण सासरियै चाल पङी, बाई सासरियै चाल पङी। बीरौसां ही रौवै , मायङ कुरळावै, बाबौ सां रौ हियौ भर आयौ, आंगण मे खेलती -कुदती , सहैलियां रै साथै - साथै खेलती, बाई... बाई सां घर आंघणियौ छौङ, पीहर सूं मुखङौ मौङ, बाई सासरियै चाल पङी, कौयलङी बाघ नै छौङ चली, बाई... संग री सहैलिया रौ छुटीयौ साथ, जद पीयू रौ पकङियौ हाथ, संग री साथणियां रै साथै-साथै खैलती, ब्हानै तू छौङ चली, बाई... मायङ रै तू गळै रौ हार मौतीङा बिखरगिया, सहैलिया सूं बंधन टूट गिया, बाई डुसकियां खांवती ,आंसूङा नै पौछती , पीव पलौ पकङियौ दु:ख नै जूझती चली, बाई... बीऱौसा लाया सूरंगौ बैस रै, बाई रौ कर दीनौ दुसरौ दैस रै, बीरौसा रौय-रौय राता करीया नैण, दु:ख रौ पहाङ टूट पङियौ नही कर सके सैण, बाई... बाई बीरौसां नै रौवती नै छौङ चली, टुक -टुक पग धरीया पाछै मुख मौङती चली, मायङ डुसकिया खांवती बौली आज हिमाळौ पीगळ गियौ गंगा भरीयौ नीर, मैला कपङा पैरीया अफूटौ रौवै बाई लौ बीर, बाई... घूघंट मे काजळियै री रैख, बाई तू थौङी सी पाछै दैख, चंचल हिरणी ज्यूं आगै पग धरीया, आंसू मांही रळगियौ काजळ नैण आंसू भर आया, बाई... रौक आंसूङा कर बजर सी छाती बाबौ सा नै बिदाई, एक दो दिन ही नहीं बाई ,लम्बी घणी जुदाई, अब थारै बिन कुण सूण सी मायङ रै मन री पीङ, कुण जाणै कांई पङसी बाबौ सां में भीङ, बाई घर आंघणियौ छौङ , पीहर सूं मुखङौ मौङ, बाई... डब डब भरीया बाईसा रा नैण, चिङकली रा नैण , कौयलङी रा नैण, बाईसा रा नैण, बाई... - सुनील कुमार नायक