Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य औरत 13287 0 Hindi :: हिंदी
ईश्वर के दिया हुआ आदमी को अनमोल भेट जो जाहिलों को भी इंसान बनाती जानवरों मे भी प्रेम जगाती भटके को राह देखाती जीवन मे रंग भर देती है कदम से कदम मिला चलने बाली हमको सँभालने बाली घर स्वर्ग बनाने बाली प्रेमिका बन सदा प्रेम वरसाती है इसके कई रुप है पत्नी बन सेवा तो बहन बन रक्क्षा करती यमराज से भी लड जाती अगनी परिक्षा भी देने से नही डरती धरती सी पवित्रा माँ गंगा सी पावन जीवन को खुशियों से भरने बाली ज़ख्मो को चुप चाप सहने बाली पुरुषों मे बल भरने बाली