तेरी याद......1
तेरी यादों का वनवास हो गया हूँ..
न जाने तुम्हारे प्यार की लंका पर कब विजयी होऊंगा...
और शबरी का इंतज़ार हो गया हूँ..
न जाने म read more >>
मैदान ए शायरी का एक प्यादा हूँ मैं,
. इस महदूद सल्तनत का वजीर नहीं हूँ
ग़ज़ल के नाम पे बस हाल ए दिल बयां करूँ,
. मैं बद्र , गालिब , या मीर नहीं ह read more >>