मोती लाल साहु 03 Jun 2023 कविताएँ समाजिक मेरे लिए मेरे संतुलन की क्या किमत है, गुस्सा एक ऐसी प्रक्रिया है- जिसमें मैं अपना संतुलन खो देता हूं- बोलने से पहले मात्र दो छन रुक जाऊं- क्योंकि, गुस्से के बाद सबसे ज्यादा दुखी में स्वयं होता हूं। 6287 0 Hindi :: हिंदी
गुस्सा- एक ऐसी प्रक्रिया है,, जिसमें मैं- अपना संतुलन खो देता हूं,, मेरे लिए मेरे- संतुलन की क्या किमत है,, बोलने से- पहले मात्र दो छन रुक जाऊं,, क्योंकि- गुस्से के बाद सबसे, ज्यादा दुखी मैं स्वयं होता हूं....!!!! -मोती