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कभी मेरा मन इतना विछलित् हो उठता है

Abhay singh 24 Apr 2023 आलेख समाजिक शिवम सिंह 8915 0 Hindi :: हिंदी

नमस्कार दोस्तों मैं आज एक नई कहानी के साथ आज फिर आप लॉगो के सामने हूँ।
दोस्तों कभी कभी मेरा मन इतना विछलित् हो उठता है कि कुछ भी समझ मे नहीं आता कि क्या करुँ, मैंने कई दफा आत्म हत्या करने कि भी कोशिश कि लेकिन फिर मेरे मन मे मेरे बीवी बच्चों कि तस्वीर उभर कर सामने आ जाती है जिसकी वजह से मैं ऐसा नहीं कर पाता ।
मेरे हि गाव् के लोग कुछ इतना मेरे पीछे पड़े है कि मैं परेशान हो चुका हूँ मुझे कई दफा बदनाम किया गया और मानसिक रूप से परेशन् किया गया कि मैं मर जाउं लेकिन मैं ऐसा नहीं करूँगा ।
दोस्तों जैसा कि आप लॉगो को बता दूँ कि मैं डायरी लिखता हूँ उसमें मैंने उन सभी लॉगो के नाम लिख के रक्खा है जिन लॉगो ने मेरा जीवन बर्बाद किया अगर मुझे कुछ होता है तो इसके जिम्मेवार वहीं लोग होंगे ।
अब दोस्तों आप हि लॉगो का सहारा है ।
कृपया मदत करें हमारी भी इस झूठी बदनामी से निकालने के लिए ।
दोस्तों सबसे बड़ी बदनामी तो तो गरीबी होति है जो सबकुछ्ह् सुनने को मजबूर कर देती है ।
आज मुझे उस गुनाह कि सजा दी जा रही है जिसे मैंने कभी कि हि नहीं। 
बाकी सब राम रचि राखा🙏🙏

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