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लोग गायकी का कलाकार धवले मीणा

डॉ राजेंद्र यादव आजाद 17 Jun 2025 आलेख समाजिक आलेख सामाजिक आलेख 5299 0 Hindi :: हिंदी

लोग गायकी की  एक महत्वपूर्ण विधा है पद गायन।  यह एक पारंपरिक लोक गायन शैली है जिसमें गायक अपनी आवाज और शब्दों के माध्यम से एक कहानी या भावना को व्यक्त करता है ।  राजस्थान के दौसा ,करौली व सवाई माधोपुर के ग्रामीण क्षेत्र में प्रसिद्ध लोक गायकी की शैली  पद दंगल के  वैसे तो आज अनेकों  कलाकार हैं लेकिन अस्सी  के दशक में जब ग्रामीण क्षेत्र में पद दंगल होते  थे तो झाण्झ मन्जीरो की झंकार पर लोग गायको को सुनने के लिए हजारों की भीड़ जुट जाती थी लेकिन आज के युग में यह पद दंगल समाप्ति की ओर है।  इसी लोक गायकी का लोक कलाकार व कवि है धवले राम मीणा ।। अस्सी के दशक में टेप रिकॉर्ड पर धवले मीणा के पद गायन जब बजाते थे तो लोग झूम उठते  थे ।  ट्रैक्टरों व घरों मे टेप रिकॉर्ड पर उस समय धवले मीणा की मधुर आवाज में बजते  पद में झाण्झ मजीरे की झंकार के साथ संगत होती थी तो श्रोता मंत्र मुग्ध हो जाते थे ।  रामायण के पात्र मेघनाथ की पत्नी सुलोचना की विरह पीड़ा को धवले मीणा कुछ इस तरह से व्यक्त करते हैं  ................................बलम बिन महलन की अटडिया उड उड खावै रै। बहती गंगा में छिटकागौ  अब काई आवै रै।।               हजारों पद दंगल लिखने और गाने वाले धवले राम मीणा ने रामायण ,महाभारत ,उपनिषदों के पौराणिक पात्रों को अपनी मधुर आवाज में गाकर जीवंत कर दिया है ।  इतिहास का ऐसा कोई पात्र नहीं बचा जिस पर धवले राम मीणा ने पदों की रचना ना कि हो। महाभारत में पांडवों के वनवास के दौरान दासी बनी द्रोपती व रसोई बने भीम की दारुण दशा को लोक कवि धवले राम कुछ इस तरह से व्यय करते हैं.।.........        बैठी बैठी भोजाई सिंगार  बणावै  रानी को।।             देवर  काम करै महलण  म रोटी पानी कौ।।।        कवि धवले राम मीणा पौराणिक पात्रों रामायण महाभारत के पद दंगल के अलावा समय बदलगौ, भाएला,नरसी की गाड़ी, चंद्रमा और तारा, देवयानी, ऋषि उद्याल की कथा ,गौतम ऋषि,  लिलहारी, विदुर और कृष्ण,अभिमन्यु की शादी, शिखंडी की कथा, सतभामा अभिमान भंग , कदरु बनिता, सबरी भीलनी और गोवर्धन पर्वत की कथा को भी अपनी मधुर आवाज में जन-जन तक पहुंच चुके हैं।  लोग गायन की पद शैली के अनूठे चितेरे धवले राम मीणा पर प्रभात ने एक पुस्तक "धवले" पद गायन परंपरा और लोक कवि धवले पर केंद्रित करके लिखी है । अनूठी शैली पद गायन दंगल के अनूठे कवि धवले राम मीणा का जन्म वर्ष 1956 के फरवरी माह में राजस्थान के करौली आंचल के जगरेटी क्षेत्र के टोडाभीम तहसील के गांव लाला रामपुरा में एक साधारण किसान परिवार में हुआ ।  लोक गायक व  कवि धवले के पदों में सांस्कृतिक धरोहर भावनात्मक अभिव्यक्ति और सामाजिक संदेश होते हैं ।  धवले राम मीणा एक तरफ पद दंगल के माध्यम से सामाजिक संदेश देते हैं तो दूसरी तरफ पारंपरिक संगीत और गायन शैली को संरक्षित भी करते हैं।  पद दंगल एक महत्वपूर्ण और भावपूर्ण गायन शैली है जो अपनी पारंपरिक संगीत और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित भी कर रही है । जगरेटी क्षेत्र का  लाल धवले राम पिछले 50 वर्षों से हजारों श्रोताओं की भीड़ के मध्य अपने पद गायन को गाता आ रहे हैं  । देशभर की सैकड़ो सामाजिक, साहित्यिक और  आदिवासी संस्थाएं इस लोक कवि को सम्मानित कर चुकी है  ।डॉ राजेंद्र यादव आजाद दौसा राजस्थान मोबाइल 94 1427 1288

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