Roobi sharma 30 Mar 2023 आलेख समाजिक मेरा छोटे से ही मेरी आंखों में एक ही सपना था कि मैं डॉक्टर बनू 19670 0 Hindi :: हिंदी
🙏 मेरा बचपन से एक ही सपना मेरी आंखों में उमड़ रहा था मैं जब भी अपने आमने-सामने गरीब लोगों को तड़पते देखा तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते थे मैं उनकी सहायता करने के लिए व्याकुल हो जाती थी मैं अपने माता-पिता से कहती थी कि मुझे पढ़ लिख कर डॉक्टर बनना है पर मेरे माता पिता बहुत गरीब थे उनके पास मुझे पढ़ाने के लिए रुपए नहीं थे पर फिर भी हम अपने कदम आगे बढ़ने से नहीं रोक पाए मेरे आंखों में सपना यही था कि मैं पढ़ लिखकर डॉक्टर बन जाऊं और गरीब लोगों को फ्री में इलाज करूं उनकी सहायता करो उनके लिए मसीहा बनो क्योंकि जब भी मैं हॉस्पिटल जाती थी तब मुझे गरीब लोगों के आंखों से आंसू देखते थे इसलिए नहीं कि उन्होंने कोई अपना खो दिया बल्कि इसलिए कि वह वक्त पर रुपए खट्टा ना कर पाए काश उनके पास बहुत सारे रुपए होते ताकि वह पैसे वाले डॉक्टरों को रुपए देकर अपने परिवार की जिंदगी बचा सके मुझे यह सब देख कर बहुत बुरा लगता था मैंने ठान लिया था कि मुझे डॉक्टर बनना है जब भी मेरे सामने ऐसी कोई घटनाएं आती थी मैं बहुत परेशान हो जाती थी उनकी सहायता करने के लिए मैं कुछ भी कर जाती थी मेरे माता पिता मुझ पर बहुत गर्व महसूस करते थे पर अचानक हमारे पिता की मृत्यु हो गई और हमारा परिवार बिखर गया मेरी आंखों का सपना आंखों में ही सिमट कर रह गया और मैं अपने सपने के सामने अपने आप को कोसने लगी पर मुझे हार नहीं माननी थी मुझे आगे बढ़ कर अपने परिवार का ख्याल रखना था इसलिए मैं प्राइवेट स्कूल में जॉब करने लगे और उससे अपना परिवार को चलाने लगे और मेरे दिल में एक उम्मीद अभी भी थी कि मैं डॉक्टर नहीं बनी तो क्या हुआ मेरी शादी होने के बाद मैं अपने बच्चे को डॉक्टर बनाऊंगी और गरीब लोगों के लिए एक अस्पताल बनवाऊगी और गरीब लोगों का फ्री में इलाज करा मैं अपना सपना अपने बच्चों के प्रति पूरा करूंगी मेरे आस-पास जितने भी गरीब परिवार में मरीज हैं उनके पास इलाज कराने के लिए रुपए नहीं है उनका में अपने बच्चों के जरिए पूरा ख्याल रखूंगी राधे कृष्णा राधे कृष्णा