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शादियों में फिजूल खर्च और दिखावे भरी जिन्दगी

Pinky Kumar 31 Mar 2023 आलेख समाजिक 11516 0 Hindi :: हिंदी

आज में दिखावे से भरे जिवन पर बात करूगी साथ ही शादियों में होने वाले फिजूल खर्चो पर बात करूगी आज  की सोशल मीडिया से भरी दुनिया पहले के जमाने कहाँ जाता था कि घर कि बात घर में रहें तो अच्छा होगा ताकि घर परिवार पर बुरे लोगों का हाथ ना पड़े इसी लिये घर कि बात घर में ही रहनी चाहियें कहाँ जाता था। पर अब उल्टा हैं। अब घर कि हर छोटी से छोटी बात सोशल मीडिया पर हम देख सकते है। क्योंकि पैसे मिलते है। वहाँ पर भी आपकों सच नहीं देखने को मिलेगा सोशल मिडिया पर वोही दिखाया जायेगा जो सच नही है। यह बात उन लोगों को अच्छी नहीं लगेगी जो इस लाईन में है। मेरे यहाँ सोशल मीडिया का मत्लब यह हैं कि जो अपने जिवन से जुड़ी हर छोटी से छोटी बात का वलोग बनाते हैं। और दिखावा करते है। अब लोग बोलेगे कि आपभी बना लिया करो आप भी दिखावा कर लिया करो तो मेरा जवाब होगा कि जी नहीं मुझे दिखावा करना पंसद नहीं है। चाहे मेरे जिवन में दुःख हो या सुक मुझे अकेले लड़ना आता है। लोगों को बताने से घर कि बात बाहर जायेगी तो लोग हंसी करेगे और यही लोग जो आपको अपना फैंस  बताते है। कुछ नहीं आपके सामने तो आपकी तारीफ करेगें और बादमें आपके पिछे आपकी बुराई शायद मेरी बात से कुछ लोग सहमत होगें अच्छा हैं। सोशल मिडिया एक वहम कि दुनिया होती या में कहूँ कि एक काल्पनिक दुनिया होती है। जिसमें फस कर आज के युवा अपना किमती वक्त जाया कर रहें है। कहाँ जाता है। कि नरक वह होता है। जहाँ लड़ी सजा मिलती है। या में कहुँ कि गरम तेल में डाला जाता है। में यह नहीं मानती बल्की मेने समझा है कि नरक वो है। बल्की यह जब इंसान को गलत और सही का अंदाजा नहीं होता और वो और गलत काम किये चलता हैं। जो उसे अच्छे लगते हो और वो वह काम बिना किसी डर के बेखौफ करता हो वहीं काम उसे और करने के लिये आकर्षित करते हो शायद मेरे हिसाब से इससे बड़ा नरक और पाप और कोई नहीं हो और इस कि किमत बहुत बड़ी चुकानी पड़ती है। नरक एक नाम में ही बुरा है। पर जब इंसान इस नरक में पड़ जाता है तो इससे बाहार निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। जो बिना महनत के खाये वह नरक है। जब किसी के साथ बुरा किया जाये या किसी लड़की के साथ बलात्कार जैसा अपराध किया जाये वह नरक है। किसी गरीब को सताया जाये वह नरक है। और दिखावा किया जाये तो यह सबसे बड़ा पाप हैं। और यह सब काम हमें हमारा सोशल मिडिया करवाता है। में सोशल मिडिया कि बुराई नहीं कर रहीं हूँ बल्की आज में लिख पारही हुँ सोशल मिडिया कि वजह से लिख पारही हू में उन लोगों के बारे बात कर रही हूँ जो ऐसे अपराध करते है। सोशल मिडिया का गलत इस्तेमाल करते है। क्षमा करे अगर किसी को बुरा लगा हो तो अब हम दिखावे पर और शादियों मे होने वाले फिजूल खर्चों पर बात करले आज कल रिश्ते सिर्फ दिखावे पर तक सिमित होगये है। जितना दिखावा करोगे उतने ही अस्थाई रिश्ते बनते रहे। इस दिखावे भरे रिश्तो में हम असल जो रिश्ते होते है। उन्हें हम खोबेटते है। शायद आज के समय के युवाओं यह बात थोड़ी कम समझ में आयें पर यही सच है। शादिया होती ही दिखावे पर कि किसकी शादी अच्छी हुई है। या किसकी नहीं अगर किसी कि शादी सादगी से हो भी जाती है तो उसे गरीब कह कर दया कि जाती है। पर सच यह नहीं है। दिखावे के दम पर जो रिश्ते बन्ते है। वह जादा दिन नहीं चलते है। इसी लिये आज के समये में तलाक ज्यादा होने लगे हैं। और इसे ही कहते है। दिखावा । में हमारे देश के सबसे बड़े अमीर इंसान कि बात करूगी वो है। अंबानी जी ने अपनी बेटी की शादी मे गरीबों के लिये अलग से उनके लिये  खाना बनवाया और खिलाया भी अपने हाथों से उन्हें परोसा भी अगर इतने पैसे है तो शादियों में गरीबो के लियें अलग से खाना क्यों नहीं लगवाया जाता या बनवाया जाता उन्हीं पैसों को इन कामों में इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता ताकि शादियों में होने वाला वेस्ट होने वाला खाना अगर किसी गरीब कि थाली में चला जायेगा तो क्या बुरी बात है। बन्द करे दिखावे से भरी जिन्दगी जिना और बन्द करे शादियों में फिजूल खर्चा करना अगर किसी गरीब कि आपसे साहयता होती है तो कृप्या करके उनकी मदत करे एक दिन तो खाना खिलाये उनसे दुवा मिलेगी सच में आपको यह लेखक शायद पसन्द आये धन्यवाद

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