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शरीर का दिखावा

Pinky Kumar 11 Apr 2023 आलेख समाजिक 7280 0 Hindi :: हिंदी

आज कल कि युवा पीढ़ी अपने शरीर का दिखावा करना ही अपना करियर मानने लगी है। क्या शरीर का दिखावा करने से करियर बनता है। यह कहाँ तक सच है। लोगों कि मानस्किता बन चुकि है कि जितना सुन्दर शरीर उतना ही हमें सफलता मिलेगी जो कि बहोत गलत परिभाषा बन चुकी है। इसे हम देख सकते है की हम एक तरह से रंग भेद को बढ़ावा दे रहें है। पहले बढ़ावा देगे और बादमें आंदोलन करेंगें पहले गलती करेगें और बाद में सुधारेगें पर हम यह नहीं देख रहें है। कि इसका बढ़ावा किसने दिया शरीर को दिखाने से कहाँ कि समझदारी है। यह तो एक तरह से अपने अज्ञान को छुपाने कि कला जो आज की पिढ़ी सिख रही है। और खास कर वह लड़किया जो शरीर को दिखाना ही अपनी असली ताकत मानती या में कहुँ कि वह शरीर को दिखा कर अपनी खुले आम बोली लगा रही है। कि मुझे खरीद लो माफ करना मेने अपने लोखों में नारी कि सम्मान कि बात कहीं  जरूर पर सम्मान कि बात उन नारियों के लिए की है। जो वाकई में सम्मान के हक दार है। हमने अपने माता - पिता से अकसर सुना है। कि पहले इस लायक बनों कि वह चिज या वह वस्तु या वह पद तुम्हें मिले तभी तुम्हारा सम्मान होगा और यह बात सही है। पहले इस लायक बनों तब देखों कि यह कार्य करना सही होगा या गलत जवाब अपने आप आपकों मिल जायेगा जो लड़किया या जो युवा कहते कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि लड़की छोटे कपड़े पहने या पुरे पहले देख तो लो कि तुम बोल क्या रहें हो यह बाते तो तुम्हारे पर भी लागु होती है। क्या तुम्भी छोटे कपड़े पहन कर बहार घूमोगे हर कपड़े समय, जगह, और माहौल देख कर पहने जाते है। अगर जिन लोगो को ड्रेसिंग सेंस होगा वह कभी खुले आम अपने शरीर का दिखावा नहीं करेगा अगर जिन्हें कपड़े पहनने का जरासा भी ख्याल नहीं वह ऐसा काम करेगा नारी हो या पुरुष उसको समान उसके ज्ञान से उसका सम्मान करो ना कि उसका शरीर देख कर में छोटे कपड़ों का विरोध नहीं कर रही  हूँ मुझे पता है। कि खेलों में अकस लड़किया आफ कपड़े पहन कर खेलती है। और खेल जगत में उनको कपड़ों से नहीं आका जाता उन्हें सम्मान कपड़ों को देख कर नहीं दिया जाता बल्कि वह अच्छा खेलती है। इस कारण उसे सम्मान मिलता उसने खेल जगत में अपना नाम रोशन किया है। और ऐसी लड़कियों हम सभी सम्मान करते क्या देखकर करते सोचा है। कभी हम उनके हुनर को देख कर उनका सम्मान करते ना कि उनके कपड़ों को देख कर । कपड़े पहनों पर जगह ,माहोल, और समय देख कर पहनों यह देखो कि में  कौनसे कपड़े कहाँ और कब और कौनसी जगह पहन सकती हूँ या सकता हुँ उसे ही समझदार कहाँ जा सकता है। पर उन लोगों का क्या करे जो अपनी आजादी का गलत इस्तेमाल करते है। आजादी मिली है। तो सही इस्तेमाल करों नहीं करोगे तो अपमान के भागी तो बनोंगे इसमे लोगों कि गलती नहीं है। यह कमी तो आपमें ही है। शरीर दिखाने से सम्मान नहीं मिलता बन्द करों अपने आप को कपड़ों के सहारे कुल दिखाने का और अपने आपकी खुले आम बोली लगाना बन्द करों समझों इस बात को सच्चाई कड़वी जरूर होती है। पर होती सच ही है। अगर मेरी बात का किसी को बुरा लगा हो तो माफ किजिएगा मेरी सोच तो ऐसी ही में कपड़े छोटे रखने वालो कि बुराई नहीं कर रही हुँ में उन लोगों कि बात कर रही हूँ जो शरीर का दिखावा करना ही अपना करियर मानते है और छोटे कपड़े पहनना ही तो पहले इस लायक बनों कि तुम पहनों तब भी लोग तुम्हारे कपड़ों को देख कर सम्मान ना करे बल्की तुम्हें देख कर तुम्हारे ज्ञान को देख कर तुम्हारे हुन को देख कर तुम्हारा  सम्मान करे ना की तुम्हारे शरीर को देख कर यही सच्चाई है। और अपने शरीर कि बोली लगवाना बन्द करो



धन्यवाद

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