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Preeti singh

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My Articles

महफिले सजी लोग जुटने लगे, जब आया गम तो लोग छंटने लगे, बस कुछ रह गए अपने खास मत करो झूठे लोगों पर पैसे बर्बाद। read more >>
तू भी शून्य मै भी शून्य , अहंकार को तू कभी न चुन , सरल तू नदियां सा बन जाना कभी ना इसके झांसे में तू आना। read more >>
समोसा तेरी याद में हम तो चटनी खाते रह गए जब समोसा आया तो चटनी न थी तो तुम दोनों के बिछड़ जाने से मेरी आंखें नम थी। read more >>
आती-जाती खुशियों का फसाना रहा जिंदगी में क्या बस इतना ही अफसाना रहा खुशियां बांटती सुबह कभी आई गम का फिर वही शाम पुराना रहा। read more >>
उस शाम में अलग ही बात थी ,हो रही हल्की सी बरसात थी, फिजाओं में अलग ही नमी थी वहां बस समोसे की कमी थी. read more >>
सब्र कर तो ले मगर आस तो हो हल्की ही सही खुशियों की बरसात तो हो लड़ जाएंगे हर गम से अपनों का साथ तो हो ,भले हो दूर या पास रिश्तो में सच्चे read more >>
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