वक्त की इस डोर पे कुछ सपनो को छोड़ दे
माना तु आज खुद से हारी हैं पर आज भी दुर्गा सी नारी है
मत हार मान तु इन मुश्किलों से
रख भरोसा तु थोरा अ read more >>
काश हम चिडिया होते
कोई बंधन न होता,
मन चाहता वो करते,
कोई रोक टोक न होता,
कभी इस डाली, कभी उस डाली,
जहा चाहत हो वही मोह फैलाते,
कोई चीख चिल read more >>