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दिल में जगे हैं मुहब्बतों के दीप-आ जानेजां तू मेरे दिल के समीप

Samar Singh 28 Jun 2023 गीत प्यार-महोब्बत वो पास आ जाए तो सारा जहाँ रोशन हो जाता है। 5028 0 Hindi :: हिंदी

दिल में जगे हैं मुहब्बतों के दीप, 
आ जानेजां तू मेरे दिल के समीप। 

ये कैसी छा रही है रोशनी, मेरी आँखों में। 
ये कैसी चाहतों की चिंगारी उड़ी बुझी हुई राखों में
तुमको ही कैद किये हैं दिल के इन सलाखों में। 
जब से तुमको चाहा सनम, 
हवाएं भी बजा रही हैं सरगम। 
खुशियों की बहारें छाई, गम गए छिप। 
दिल में जगे है.............................।। 

सागर की लहरों में, 
तेरी परछाईयाँ देखते हैं। 
अस्त होते सूरज में, 
तेरी तस्वीर बसते हैं। 
लहराए जो ये सारे दरख़्त, 
लगे तेरी चुनरी उड़ते हैं। 
ये कैसा छाया है मौसम, 
कैसा है कुदरत का आलम। 
दिल में छुपाये है तेरी मुहब्बत के मोती,
जैसे छुपाये सीप। 
दिल में जगे है......................।।

रचनाकार- समर सिंह " समीर G "

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