MAHESH 30 Mar 2023 गीत धार्मिक भक्ति गीत 9602 0 Hindi :: हिंदी
भगवान भोलेनाथ के श्रीचरणों में, सादर साष्टांग निवेदित, स्वरचित लोकभाषायी अवधी रचना। ----------------------------------------------------- हथवा त्रिशूल,डमरू,नन्दी पे सवार, गलवा नाग काला बा।।१।। सब देवों से निराला, बाबा भोला-भाला बा।। टेक।। आशुतोष प्रभु औढ़र दानी। आरति हरहिं दीन जनु जानी।। जेकर नाथ भोलानाथ, ऊ बड़ा भाग वाला बा।।२।। सब देवों से निराला, बाबा भोला-भाला बा।।टेक।। कालों के भी काल, महाकाल त्रिपुरारी। पलट दें समय की भी, चाल भंडारी।। मांगो जो भी, मिलेगा, इ दर सबसे आला बा।।३।। सब देवों से निराला, बाबा भोला-भाला बा।।टेक।। विश्वनाथ मम् नाथ पुरारी। त्रिभुवन महिमा विदित तुम्हारी।। तोहरी कृपा से ही, जग-जीवन में उजाला बा।।४।। सब देवों से निराला, बाबा भोला-भाला बा।।टेक।। आदि, अनादि, अनंत, अखंड, अभेद, अछेद, सुवेद बतावें। रूप "महेश" को जोगी यति मुनि, ध्यान धरें, पर पार न पावें।। एको अहं बहुस्यामि, सबका सार-शाला बा।।५।। सब देवों से निराला, बाबा भोला-भाला बा।।टेक।। देव, दानव, मानव प्रभु सबके पियारे नहिं कछु भेदभाव तुम्हरे दुआरे। देखा कहीं भी न, तोहरा जैसा दिलवाला बा।।६।। सब देवों से निराला, बाबा भोला-भाला बा।। माता-पिता-गुरू, प्रभु तुम मोरे। रहूं अनुग्रह निशि दिन तोरें। कर जोरे खड़ा द्वारे, नाम राशि वाला बा।।७।। सब देवों से निराला, बाबा भोला-भाला बा।।टेक।। ~✍️ महेश