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जो मेरे द्वारे तू आए

अशोक दीप 30 Mar 2023 गीत प्यार-महोब्बत Love poetry, love song, love sayari, prem geet, poetry for girl friend, premika ke liy sayari, man, ahsas man k, man k bhav 67973 0 Hindi :: हिंदी

जो मेरे द्वारे तू आए

प्राण-मरुस्थल खिल-खिल जाए
  साँस-डाल  भी  हिल-हिल गाए
    छोड़   झरोखे   राज  महल  के
      जो     मेरे    द्वारे    तू    आए ।

जुड़े  सभा  सपनों  की आकर
  आँखों  की  सूनी  जाजम  पर
    खेल   न   पाएँ    बूँदें    खारी
      पलकों की अरुणिम चादर पर

चहल-पहल  हो मेलों जैसी
  गुमसुम अधरों पर गीतों की
    फूल उदासी  झड़े  धूल-सी
      खिले जवानी नभ दीपों-सी

उमर चाल छिपते सूरज-सी
  घबराकर  पीली  पड़  जाए ।
    छोड़  झरोखे राज महल के
      जो   मेरे   द्वारे   तू   आए ।

शुष्क तरु -सी सूखी देह से
  फूट  पड़ें  अमृत  के  धारे
    दीपदान  करने   को  दौड़ें
      खुशियाँ मुझे जिया के द्वारे

संगीतमयी  संध्या-सी हों
  डूबी-सी धड़कन की रातें
    मानस  की  चौपाई  जैसे
      महकें अलसायी-सी बातें

झरे  मालती  रोम-रोम  से
  कस्तूरी  गंध   बदन  छाए
    छोड़ झरोखे राज महल के
      जो   मेरे   द्वारे   तू   आए ।

उतर चाँदनी नील गगन से
  पूरे  चौका  मन  आँगन में
    चुनचुन मोती जड़ें रातभर
      सितारे  फकीरी  दामन में

थपकी   दे   अरमान   उनींदे
  अंक     सुलाए     रजनीगंधा
    भर-भर प्याली स्वप्नसुधा की
      चितवन   से   ढुलकाए   चंपा

भोर भए पंछी-बिस्मिल्लाह
  शहनाई   ले   रस  बरसाए ।
    छोड़ झरोखे राज महल के
      जो   मेरे   द्वारे   तू   आए ।
 
अशोक दीप
जयपुर
8278697171

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