Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

नशे मे गाँव (कविता )

Sunil suthar 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक देश, शहर, और गावों मे मे बढ़ता नशे का कहर 8936 0 Hindi :: हिंदी

-: नशे मे गांव 😔

कहर ढाया, मातम छाया, देखो गांव को ये क्या हो रहा,
जमकर खून रगों मे जी सूख गया... आजकल के जवानों के
मिल जाती बेकार जवानी, नालों & मेहखानों मे,
अंधेरे  मे परिवार जागता ,रात भर वो राह ताकता
आने वाले मुसाफिर को देखो, कड़ी धूप मे सड़क पे सो रहा||

गिर गया है औधा  पीठ से, शान मिट्टी मे मिल गयी,
देश और समाज  छोड़ो  परिवार की  भी फ़िक्र  छोड़ी है
चरस, गाजा, भांग  और तम्बाकू, यहाँ सब का खुल कर व्यापार  हो रहा,
जरा देखिये  "कुमार" मेरे गांव को यह क्या हो रहा||

बीते दिनों की सुहागन चूड़ियाँ तोड़ती, सर पकड़ कर रो रही,
याद कर राखी पर्व को बहन राखी पकड़ कर रो रही
सहारा ना बन पाया माँ-बाप का, कंधे का बोझ बनता हो रहा,
जलकर नशे मे राख हो रहा, एक परिवार का इकलौंता वारिश,
बना ना पाया शान-ओ-शौकत, उल्टा नाम मिट्टी मे मिला रहा,
जरा देखिये "कुमार" मेरे गांव को ये क्या हो रहा!!

सारे आम लूट हो रही, चलते राह के राहगीरों की,
धुंध, धुएँ के चपेट मे आ रहे नासमझ हर एक वो बालक,
प्रलोभन देकर जाल मे फ़साता, बिगड़ैल परिवार की कुख्याती औलाद,
किससे कहे, किस पर उंगली उठाये, सब मिली भक्ति से काम हो रहा,
जरा देखिये "कुमार" मेरे गांव को ये क्या हो रहा!!

कदम,कंधा आगे बढ़ाना होगा, जो देश को आगे बढ़ाना  है,
लक्ष्य बनाकर संकल्प लो, नशे को जड़ से  मिटाना है,
जवानी वापस लानी है "सुनिल" देश के नौजवानों की,
नया जीवन देकर हँसाना है,उस शख्स को जो... इस दर्द मे आज बैठा रो रहा,
जरा देखिये "कुमार" मेरे गांव को ये क्या हो रहा||


                                                                         सुनिल सुथार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: