Rupesh Singh Lostom 24 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत अगर लौटा सको 7522 0 Hindi :: हिंदी
अगर लौटा सको तो वो एह्शाश लौटा दो मीठी मीठी बातें वो अनकही भाव लौटा दो जो साथ बिताया था कभी वो रात लौटा दो थोड़ा सा ही सही मुठी भर जज्बात लौटा दो वो नदी के किनारा जहा मिला करते थे कभी उसका दो बुंद बहता हुआ धार लौटा दो वो तारों का तकना कल्पनाओ में उड़ना मेरी वो छोटी सी ख़यालात लौटा दो तेरा सवरना बात बात पे अकड़ना बिन बात झगड़ना रूठ जाना अगर लौटा सकते तो वो नखरैली पल लौटा दो जेठ की चीलमिलाती धुप आग सी लपट वो समुन्दर के बिच वो धधकता रेत लौटा दो वो कसमे वादें मासूम सी भूख नटखट इरादें बिन मौसम बदलता खूबसूरत रुत लौटा दो