Amrita shrivastav 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य समाज में हो रहे अपराधो को अपनी कलम से लिखने का प्रयास 16491 0 Hindi :: हिंदी
क्या लिखू मैं? हा मेरा पहला सवाल सब का दबाव मुझ पे उठाओ कलम लिखो क्या लिखू मैं? आज सोचा चलो उठा लो कलम फिर सोचा क्या लिखू मैं हर बार यही सोच कर मैं रुक जाती क्या लिखू मैं? सोचा ये लिखू, फिर सोचा नही वो लिखू ऐसा क्या लिखू जो सही लगे किसी के दुखते नश पे कलम ना चल जाए उठ तो चुके है कलम मेरे फिर सोचा क्या लिखू मैं? उठा लिया है कलम फिर से लिख बैठने को देखे दुनिया के खेल तमाशे चलो इन तमाशो को हम भी तो जाने फिर सोच में उलझ गई क्या लिखू मैं? कही हो रहा हैं भ्रष्टाचार कहीं मचा हैं हाहाकार कहीं कोई भूख से तड़पे कहीं मची हैं लूट खसोट हर तरफ हैं मची हैं त्राही ही त्राही क्या लिखू मैं