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बगैर आब के मछली की तड़प आब क्या समझे -मुहब्बत

Pooja Singh 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत #मोहब्बत #पूजा सिंह पूजा #पूजा की शायरी #शायरी #Google #Yahoo#Bing 8140 0 Hindi :: हिंदी

बगैर आब के मछली की तड़प आब क्या समझे।
डाल से टूटे पत्ते की तड़प डाल क्या समझे। जो किसी गैर की मुहब्बत में अपनों को भुला दे।
वह मेरे दिल की तड़प कभी क्या समझे। स्वरचित
लेखिका -पूजा सिंह 'पूजा'

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