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चलो अब संभला जाए-बहुत लड़खड़ा गए

Jyoti yadav 06 Jul 2023 शायरी समाजिक चलो अब संभला जाए 5138 0 Hindi :: हिंदी

दिन बदल गए
घंटे बदल गए
मौसम बदल गए
ऐसे में चलो खुद को बदला जाए
बहुत लड़खड़ा गए चलो अब संभला जाए

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