ROHIT YADAV 30 Mar 2023 शायरी दुःखद Google 23276 0 Hindi :: हिंदी
जब जब पड़े कलम के निशान कागज पर , सिमट कर आ गया सारा जहान कागज पर, जमाने वाले मेरे जाने के बाद मुझे समझेंगे , छोड़ जाऊंगा अपनी जुबान कागज पर ll Rohit yadav ☹️
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