राहुल गर्ग 30 Mar 2023 आलेख प्यार-महोब्बत 11216 0 Hindi :: हिंदी
जब हम किसी रिश्ते में बंधते हैं तो उन रिश्तों को निभाना आवश्यक हो जाता है कई लोगों के लिए यह बहुत मुश्किल हो जाता है और कई लोगों के लिए यह बहुत आसान ! रिश्तों का मुश्किल या आसान बनाना उन दो व्यक्तियों पर निर्भर करता है जो इस रिश्ते से जुड़े हैं हाँ सही कहा मैं प्यार की ही बात कर रहा हूँ वो प्यार जिसकी तुलना हम लैला मजनू के प्यार से करते है वो प्यार जिसकी तुलना हम शाहजहाँ मुमताज के प्यार से करते है परन्तु आधुनिक युग के प्यार को उस ऊचाई तक पहुंचाना जहाँ कभी हीर राँझा का प्यार था ,असंभव सा होता जा रहा है जब दो लोग इस रिश्ते में बंधते हैं तो इस रिश्तेको केवल एक ही तरीके से निभा सकते है और वो है सच्चाई! यदि प्यार में सच्चाई है तो कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बस एक दूसरे से सच्चाई के साथ जुड़े रहे जिंदगी प्यार के साथ बीत जायेगी सबसे पहले तो हमें यह तय करना होगा कि हमें किसी से प्यार है भी या नहीं या हम अपनी तनहाई को बाँटने का साथी ढ़ूढ़ँ रहे हैं या हम शारीरिक भूख को शांत करने का साधन ढ़ूढ़ँ रहे हैं या संसार के साथ चलने के लिए और उन्हें बताने के लिए कि that I m engaged किसी से प्यार कर रहे है यदि उपरोक्त कारण दोनों में से किसी एक के भी मन में है तो इस रिश्ते को सच बताकर वही समाप्त कर देना चाहिये जब दो लोग इस रिश्ते में बंधते हैं तो ये बातें निर्भर करती है कि दोनों की उम्र किस पड़ाव पर है दोनों की जीवनशैली किस तरह की है दोनों की पसंद क्या है कौन किसको प्राथमिकता देता है दोनों का परिवार किस प्रकृति से संबध रखता है समाजिक और पारिवारिक ज्ञान में भागीदारी किसकी और कितनी है संसार में दोनों जातियों को कितना महत्व देते है इन सारे पैमाने के आधार पर रिश्ते की आयु तय की जा सकती है परन्तु किसी को निरंतर या अनवरत रिश्ते को निभाना है तो उसे उपर्युक्त सारी बातों में विविधताओं को स्वीकार कर उस व्यक्ति की महत्ता को समझना होगा यदि दोनों ऐसा करने में सक्षम होते हैं तो छोटे से किसी भी रिश्ते को उस मुकाम तक पहुंचाया जा सकता है जहाँ के लिए ये वांछनीय है ।