Ajay kumar suraj 12 Jul 2024 आलेख समाजिक #भीड़_से_अलग_चलता हूं। #भीड़ 33492 0 Hindi :: हिंदी
कल भरी सभा मे जब दुर्योधन ने कहा "काका श्री, जब हस्तिनापुर की सैन्य व्यवस्था और न्याय व्यवस्था के साथ प्रशासन मेरा मैं युवराज हूं" जब सम्पूर्ण हस्तिनापुर मेरी बोली बोल रहा है यब तुम मेरे बिपरीत क्यों बोलते हो काका। क्या कर सकते हो तुम अकेले । जब यहाँ प्रधान सेनापति पितामह भीष्म मौन है, न्याय सिंहासन पर बैठे महाराज मूक दर्शक है। ज्ञान की पराकाष्ठा द्रोणाचार्य सभा मे रहते हुए भी अनुपस्थिति दर्ज करा रहे है ।तो तुम क्यों तिलमिला रहे हो। दुर्योधन तुम नही जानते बचपन से वृद्धावस्था तक जो मैंने शिक्षा ग्रहण की अपने पूर्वजों से सीखा उसे जीवन मे उतार लिया। दुनियां की लीक छोड़कर चलना , गलत का विरोध करना जिम्मेदार व्यक्ति से प्रश्न पूछना मेरी नैतिकता ,कर्तव्य ,जिम्मदारी बनती है । और यही जिम्मेदारी मुझे भीड़ से अलग करती है।