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मोती लाल साहु
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मोती लाल साहु
मोती लाल साहु
मोती लाल साहु
@ --7
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कांश मैं समझ पाता-वक्त के हाथों मेरा व़क्त था
कांश मैं- समझ पाता व़क्त को, समझा था व़क्त मेरा था,, मैं था ही बेखबर-इस, व़क्त के हाथों में मेरा व़क्त था..!! -मोती
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हीरा पाया था जिंदगी-समझ पाया न गुर
हीरा- पाया था ज़िंदगी, समझ पाया न गुर,, राह मिला- सतगुरु प्यारे, सीख पाया न गुर..!! -मोती
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आत्मज्ञान में अनुपम उपहार बन जाता जिंदगी
"एक तरफ- निकल जाता, सुख-दुख का चक्कर लगाते ज़िंदगी" "दूसरी- आत्मज्ञान में, अनुपम उपहार बन जाता है ज़िंदगी"..!! -मोती
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फ़लसफ़ा स्वंय का पड़ा पल्ले-नायाब हीरा बन गई ज़िंदगी
"फ़लसफ़ा- संसार का पड़ा पल्ले, यूंही गुज़र गई ज़िंदगी" "फ़लसफ़ा- स्वंय का पड़ा पल्ले, नायाब हीरा बन गई ज़िंदगी"..!! -मोती
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तू इतना खास है-प्रकृति ने तुझे अकेले रचा है
"तू इतना खास है" "प्रकृति ने- तुझे अकेले रचा है"..! "सारे इतिहास- टूट जाएंगे कदम तो बढ़ा"..!! -मोती
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ज़िंदगी की हक़ीक़त समझो आप-बिना उसके फ़िज़ा की कल्पना करो आप
"ज़िंदगी की हक़ीक़त समझो आप" "यह फ़िज़ा इनायत है समझो आप" "तुम्हारा रब हाजिर है-जनाब"..! "बिना उसके- फ़िज़ा की कल्पना करो आप"...!!! -मोती
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जब आपको ज़रूरत हो सहारे की-तलाश करना अपने ह्रदय में
"जब आपको- ज़रूरत हो सहारे की"..! "हृदय में- करना तलाश सहारे की"..! "सबसे- शक्तिशाली वहां मौजूद मिलेगा"...!!! -मोती
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ऐ मुसाफ़िर-तू माया के शहर में क्यों जलता
ऐ-मुसाफ़िर- तू माया के शहर में क्यों जलता.? जबकि कुदरत स्वयं- ज्योति स्वरूप हृदय में जलता..!! -मोती
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ठहरे हम तो मुसाफिर-डगर चाहे जो हो
ठहरे हम तो- मुसाफ़िर डगर,,चाहे जो हो..!! ठहरेंगे मंज़िल- ठान के चले हैं,,चाहे जो हो..!! -मोती
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तू ही सांसों में फिरता-तुझ में छुपा ख़ुदा का नाम ए-जिंदगी
"जब तक हम समझ पाते ए-जिंदगी,, तब तक तू निकल जाता ए-जिंदगी"..!! "तू ही सांसों में फिरता ए-जिंदगी,, तुझ में छुपा ख़ुदा का नाम ए-जिंदगी"..!! -मोती
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