जहर जिंदिगी का एक साल और कट रहा है,
है कोई जो हम से अलग बट रहा है।
वो दौलत लूटे मेरी तो क्या गम होता,
में फकीर हूं ये दुःख मुझे अंदर से चाट � read more >>
जरा झुक कर ले सलाम देख अब्बा जान तेरे हाज़िर है,
ना में भगवान मेरा नाम शैतान ही काफ़ी है।
Bak bak लगे मेरी Rhymes इसे,
तु क्या समझेगा गांडू काति� read more >>
झाली रात माझ्या शब्दांची सात मग रॅप नेतो मला चांदण्यांच्या पार येय...
आज रॅप vice full broken heart देतो तुला feel जरा ये माझा पास
माझ्या भाषेच्या सौंद� read more >>
बिन बात की इस ,
लढाई का क्या अंजाम हो !
की एक उम्र निकल जाये ,
और बात भी ना हो !
दोस्ती औंर पेहचान क्या होती है ,
घर आओ तो मासे कहो
मैने इसको � read more >>