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संदीप कुमार सिंह

संदीप कुमार सिंह

संदीप कुमार सिंह

@ sandeep-kumar-singh
, Bihar

I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me.

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(दोहा छंद) मीरा जैसी प्रीत जब,करे जगत के लोग। घर घर में खुशियाँ रहे,होगा कभी न रोग।। अमर कहानी भक्ति की,जाने घर घर आज। मीरा जैसी प्रीत प read more >>
(दोहा छंद) मिले न ज्यादा भाग्य से,इसका रखें विचार। आगे जो है भाग्य से,ऐसा यह संसार।। मिले न ज्यादा भाग्य से,सबका यहां नसीब। जिसकी जैसी read more >>
(दोहा छंद) शहरी रौनक देखकर,हृदय हुआ गुलजार। आँखों में चाहत बढ़ी,आए भव्य विचार।। शहरी रौनक देखकर,कंगन खनकी कान। तन मन मुग्ध सितार सा,म read more >>

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