⭐ कविता = ( परदेश )
कैसा ये परिवेश हुआ !
घर ही मेरा परदेश हुआ !!
एक ही छत के नीचे !
जैसे पूरा देश हुआ !!
घर के हैं जो घरवाले !
आज हुए वो बाहरवाले read more >>
कविता‌ = मशहूर
दिलों में जगह यारों बस हो तुम्हारे !
इस घर का मालिक जब भी निकाले !!
सल्तनत दिलों की हो मेरे हवाले !
इस घर से बेशक अभी है नि read more >>
कविता = ( अश्कों की धार )
ठोकरों की पछाड़ से !
बेवफ़ाई की कटार से !!
मंज़िलों की लताड़ से !
गर्दिशों की मार से !!
पैदा हुआ ये कवि !
अश्कों की धार स read more >>
गीत = ( परछाई )
तू तो थी मेरी परछाई !
दुनियाँ मेरी क्यों है जलाई !!
वफ़ा के बदले बेवफ़ाई !
कैसे हो गई तू हरजाई !!
तू तो थी मेरी परछाई !
दुनियाँ read more >>
⭐ कविता = इश्तहार
प्यार तो इश्तहार हुआ !
चमड़ी का बाज़ार हुआ !!
लैला-मजनू हीर-राँझा !
जुमलों में शुमार हुआ, !!
ये रिश्ता जो था पावन !
आज क्यों read more >>
कविता - ( ग़ज़ब )
नेता जी की देखो !
क्या ग़ज़ब की बात !!
जीतने से पहले सेवक !
जीतते ही सरताज !!
नेता जी की देखो !
क्या ग़ज़ब की बात !!
याचक बनक read more >>