Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 9463 0 Hindi :: हिंदी
कविता = ( विधि ) देखा किसी ने ना ! लेखा विधि का !! फिर भी रहा तू ! यहाँ अजनबी सा !! क्यों न हुआ तू ! यहाँ है किसी का !! देखा किसी ने ना ! लेखा विधि का !! अपने से बढ़कर ! न माना किसी को !! दौलत के नशे में ! भूला सभी को !! विधि के आगे ! झुका सर सभी का !! देखा किसी ने ना ! लेखा विधि का !! ख़ाक से उठाकर ! फ़लक पे बिठा दे !! फ़लक से गिराकर ! जमीं में मिला दे !! चलता नहीं ज़ोर ! विधि पर किसी का !! देखा किसी ने ना ! लेखा विधि का !! कठपुतली यहाँ पर ! हम हैं सारे !! डोरी हमारी उसके हवाले ! खेल खिलाए न्यारे - न्यारे !! लेखा जो विधि का ! मिटे न किसी का !! देखा किसी ने ना ! लेखा विधि का !! विपिन बंसल