धीरे धीरे ही सही हृदय में आग सी जल तो रही है,
धीरे धीरे ही सही किताबे पढ़ते हुए रात ढल तो रही है,
धीरे धीरे अब ये फसल गल तो रही है,
धीरे धीर read more >>
चंगे दिल को तुने नंगा बना दिया, जा वेवफा तुने इस दिल पे हि दिल से दंगा करा दिया।तुझे दिया जमाने कि हर वो खुशी, पर मुझको ही तुने भिखमंगा बन read more >>