Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत #Rambriksh #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri Kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar kavita #Gajal#Ambedkar Nagar poetry 7422 0 Hindi :: हिंदी
गजल -आदत बन गये हो ज़रूरत भी जाने अंजाने में मुझसे क्या हो गया जिसको समझा सही वह खता हो गया। पहले मुझको लगा वह जरुरत मेरी अब तो मेरे लिए वह सजा हो गया। देखते देखते चार आंखें हुई फिर अदाओं पे उसके फिदा हो गया। देखना उसको आदत मेरी हो गयी फिर ना मुझको पता मैं कहां खो गया। जिंदगी की समझ ही बस इतनी सी थी जिंदगी मेरी मुझसे खफा हो गया। ढूंढ़ता हूं इधर से उधर मैं उसे सब जरुरत अब मुझसे सफा हो गया है। फिर भी आदत तुम्हीं हो जरुरत तुम्हीं मेरा तन मन तुम्हीं पर फिदा हो गया है। रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...