Poonam Mishra 05 Jun 2023 ग़ज़ल समाजिक जिंदगी को यूंही गुजारी है 5799 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी को मैंने यूं ही गुजारी है!! गम से तो रोज ही मुलाकात है? खुशी से भी कभी-कभी मेरी यारी है!! कहने को तो यह जिंदगी हमारी है!! पर मैं खुद से ,खुद के ,लिए निर्णय नहीं ले पाती , क्योंकि ?लोगों के निर्णय ही , मुझ पर भारी है !! जबकि कहने को जिंदगी हमारी है!!