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मोहब्बत

Phool Jahan 11 Sep 2024 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत 4576 0 Hindi :: हिंदी

वो आते इस तरह से मेरे हिज़ार में 
पलकें बिछाए बैठे हो जैसे इंतजार में।
दिल तोड़ना ही था तो सोदा ही क्यों किया,
अब बेचने चला है उसको बाज़ार में।
सदियों तलक जीतेगी मोहब्बत ये अब मेरी ,
मत सोच तू अब बैठकर ये बेकार में।
और यादों को दफन करके मेरे सामने यूंही,
अब रो रहा है बैठकर मेरे मज़ार में।।
फूल गुफरान

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