Sanjay Thakur 13 Jan 2024 ग़ज़ल दुःखद Goggle 5139 0 Hindi :: हिंदी
तन्हाइयों की गजलो को गुनगुनाते रहो एक दिन इन्ही को गाओगे शाम कभी देर तक फिजाओं में घूमते रहो एक दिन इन्ही वादियों के होकर रह जाओगे मोहाबत एक तरफा हो तो अच्छी है दो तरफा होगी इसे गवाओगे एक चांद खरीद रखो अपने आसमान के लिए आशिया अंधेरे रहे तो खोफ बड़ा सताता है संजय ✍️