संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता काफी रोमांचक है पाठक गण अवश्य ही लाभान्वित होंगें। 10231 0 Hindi :: हिंदी
याद तुम्हारी म मुझको आ गया, प्यार अब मुझको निभाना आ गया। बात लब पर यार तेरे ही रहे, यार मुझको दिल लगाना आ गया। याद में मैं आज कल दिन रात हूं, आपके दर मैं दिवाना आ गया। सामने तुम ही रहा करती सदा, आज वो लब पर फ़साना आ गया। प्यार तेरा जो मिला मन दृढ़ हुआ, अब मुझे भी जग झुकाना आ गया। गम सभी के ले चलूं मैं साथ में, अब मुझे भी दिल मिलाना आ गया। रख कला सब मैं चला हूं राह में, विघ्न सब को अब डराना आ गया। जिंदगी यह देन है प्रभु का दया, रब मुझे भी अब रिझाना आ गया। वक्त से चल कर सिखा सब मैं यहां, साथ में संदीप गाना आ गया।। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....