Ratan kirtaniya 09 Sep 2024 गीत धार्मिक प्रेम भक्ति पर आधारित करके हरि भक्ति में इस गीत को लिखा गया है 5472 0 Hindi :: हिंदी
रे मन यूं न कर रे विलाप ! कब - तक करोगे विलाप , रे मन जाग जा रे अब ! रे मन बोल ,रे मन बोल ! हरि नाम तू एक बार बोल, बन रे प्रेम भिखारी बन के हरि की पुजारी, उन के चरणों में सौप दे, ए जीवन तुम्हारी, जाग रे मन पुकारे रतन ! कर ले हरि नाम कीर्तन, ए जो तेरा काया तू जो पाया , नश्वर है माटी में है मिल जाना, तू ने क्या किया हरि को जो तू न जाना , दो दिन का जीवन, तुझे भक्ति पथ में है चलना जीवन मिला तुझे अनमोल, रे मन बोल रे मन बोल! हरि नाम तू एक बार बोल, खुद को तपा ले मन में भक्ति जगा ले, और जाप ले रे मन तू जाप ले! हरि नाम तू जाप ले, हरि नाम तो पागले एक बार बोल, घोल ले रे घोल ले ! जिह्वा में प्रेम अमृत घोल ले, बोल ले रे प्रेम से हरि नाम बोल ले, एक बार तो हरि नाम बोल, हरि चरणों को सजा दे, व्यर्थ में समय न बीता दे, खुद को न और सज़ा दे, जिसे काल देओगे , उसे तू आज दे, हृदय से हरि को आवाज़ दे, रे मन तू आज दे आवाज़ दे, जाग रे मन पुकारे रतन , कर ले हरि नाम कीर्तन। नाम रतन किर्तनीया जिला :- कांकेर छत्तीसगढ़