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साथ - नहीं मैं गीत सारे डायरी में लिख नहीं सकता

आकाश अगम 30 Mar 2023 गीत अन्य #अगर तुम साथ हो #Agar tum sath ho #हिंदी कविता #hindi poetry #आकाश अगम #Akash Agam #गीत क्या है #what is lyrics #Example of lyrics #sath #कृष्ण का ब्रज 97449 0 Hindi :: हिंदी

नहीं मैं गीत सारे डायरी में लिख नहीं सकता
रहा जाता नहीं है और चुप मैं रुक नहीं सकता
हृदय धड़कन बढ़ाना मत गिरूं तो हाथ दे दोगे
मैं मंचों पर भी गा लूँगा अगर तुम साथ दे दोगे।।

बड़े उत्साह से मैंने बहुत श्रृंगार लिक्खा है
किसी के दर्द में अपना छुपा व्यवहार लिक्खा है
कुहासा रूप जैसे प्यार का अम्बार लिक्खा है
किसी इंसान को हर गीत का आधार लिक्खा है
मैं भोजन हाथ में पकड़े हूँ क्या तुम पात दे दोगे
मैं मंचों पर भी गा लूँगा अगर तुम साथ दे दोगे।।

हृदय के भाव सारे , व्यंजना दिल में नहीं रखनी
सभी हों क्रुद्ध मेरी अर्चना दिल में नहीं रखनी
सफल हो जो नहीं वो वंदना दिल में नहीं रखनी
सभी देखें मुझे ही कल्पना दिल में नहीं रखनी
अधूरे गीत पर यदि हो ख़तम क्या साँस दे दोगे
मैं मंचों पर भी गा लूँगा अगर तुम साथ दे दोगे।।

हृदय का गीत यों लगता कि जैसे पुष्प की रज है
मधुर स्वर कण्ठ से गुज़रे तो लगता कृष्ण का ब्रज है 
कलम है चन्द्र, स्याही चाँदनी, ये भूमि कागज़ है
अनिल सा गीत है मेरा , हृदय अभिराम नीरज है
गिराऊँ चाँदनी लेकिन मुझे तुम रात दे दोगे
मैं मंचों पर भी गा लूँगा अगर तुम साथ दे दोगे।।

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