Alfaaz Hassan 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 6328 0 Hindi :: हिंदी
सूरज की पहली किरण थी जो आज क्यो वो घना अधंकार हुई जो पखं लगाकर उठती थी क्यो पखं कटी सी शिकार हुई,
Login to post a comment!
...