मनोज कुमार 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत बेवफ़ा,, जुदाई,, प्यार 54126 0 Hindi :: हिंदी
बहुत मजे किए तेरे प्रेम में, करुणा का छाया पाया। हर दिन बिछड़ा दूर तलक, नहीं मै तेरा प्यार पाया। अभिलाषा नहीं अब जीने की, तेरे संग,, तुम्हारे होकर। अब सहन नहीं है, जलन है, जो दिल पर चोट है मुस्काकर। तूने दर्द दिया है दवा नहीं। मेरे टूटे दिल के टुकड़े पूर्ण किए नहीं। विश्वास था तुम पर, मेरी होगी। पर क्या हुआ दूसरों के हो गई भोगी। क्यों छोड़ दिया राह में, फिर बदनाम किया। लोगों के नजर में गिर गए हम। जब नहीं था साथ देने का इश्क़ में। क्यों खुशी दिया और ज्यादा गम। मैंने इश्क़ किया था तुमसे सजा भी पाया। ना तुम मेरे हुए और ना मै दूसरों के हो पाया। बस थोड़ी सांसे बाकी हैं मुझे जीने की। फिर तुमसे कैसे कहूं तेरे साथ रहने की।।