Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

बेटियां

RAJNI CHOUDHARY 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य बेटियां 20948 0 Hindi :: हिंदी

बेटियां
पापा की परी से  जिम्मेदार बहू बन जाती है 
बेटियां...
मां के आंचल से एक दिन पराई हो जाती हैं 
बेटियां...
तेरा मेरा करते करते हमारा कहने लग जाती है बेटियां...
दादा दादी की राज दूल्हारी एक दिन विदा हो जाती हैं बेटियां
थोड़ा काम में थकने वाली पूरे घर को संभालने लग जाती है बेटियां
घर की परी बन एक दिन पराई हो जाती हैं बेटियां
हर बात में लड़ने वाली चुपचाप सुनने लग जाती है बेटियां
ममा पापा से खर्चा करने वाली एक-एक पैसा जोड़ने लग जाती है बेटियां
सच ही कहा किसी ने बेटी से बहुत तक बहुत बदल जाती है बेटियां...
            Rajni Choudhary

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: