Krishan kumar 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक भारत का दुर्भाग्य 43213 1 5 Hindi :: हिंदी
सफलता तो कभी कभी मेहनत न करने वालो को भी मिल जाता है, यही तो भारत का दुर्भाग्य कहलाता है। 60% लाने वाले सरकारी दफ्तर में बैठे है, 90%लाने वाले सरक किनारे बायोडाटा लिए बैठे है। अंबेडिकर ने सिर्फ 5 वर्ष के लिए आरक्षण को लगाया था, तब उसने पिछड़ी जाति को आगे लाया था। सरकार ने 5 वर्ष पूर्ण होने पर इसे क्यों नहीं हटाया था। चलो मान ले उनका विकास 5 वर्षों में नही हो पाया था, फिर सरकार ने पिछड़ी लोगों के साथ साथ पिछड़े लोगों आरक्षण श्रेणी में क्यों नहीं लाया था। यही इतिहास की गलतियां नेताओ द्वारा दोहराया जाता है, यही तो भारत का दुर्भाग्य कहलाता है। जब भी आरक्षण को हटाने की बात को मुद्दे मैं लाया जाता है दलितों का अधिकार हनन हो रहा है कह कर देश में हिंसा को फैलाया जाता है। यही है राजनेताओं का काम छोटे बड़े मुद्दे पर पक्ष विपक्ष को दोषी ठहराया जाता है वोट के लालच में आरक्षण को हटाने के बजाए इसकी दरों को बढ़ाया जाता है यही तो भारत का दुर्भाग्य कहलाता है शर्म करो राजनेताओं रोजगार की जगह आरक्षण को बढ़ाते हो जनहित में काम नही कर पाते तो आरक्षण को बढ़ाते हो। आरक्षण को बढ़ाकर खुद को महान बताते हो ये करके तुम जनता को लुभाते हो लोग कहते है छोटी जाति के लोग विकाश नही कर रहे इसलिए आरक्षण है मैं कहता हु आरक्षण है इसलिए वो विकाश नही कर पा रहे है । ये में नही पूछता है भारत, पूछते है भारत के सभ्य लोग, आरक्षण को हटाया क्यों नही जाता है, यही तो भारत का दुर्भाग्य कहलाता है। यही तो भारत का दुर्भाग्य कहलाता है।।
1 year ago