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भारत माँ पे अर्पित कर दूँ

Swami Ganganiya 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम भारत माँ पे अर्पित कर दूँ, Hindi kavita and poem,shayri 82574 0 Hindi :: हिंदी

मैं अपना जीवन 
भारत माँ पे अर्पित कर दूँ।
हे बलिदानी लोग जहाँ के 
मैं अपना सारा जीवन वहां समर्पित कर दूँ।

हौसले होते है स्वपनों से ऊँचे जहां
मैं भी सारा जीवन वहाँ व्यतीत कर दूँ।
हे जो दुनिया की नजरों मे सम्मानित जहाँ
मैं भी आज उस भारत माँ को दिल से नमन कर दूँ।

हे जहा की मिट्टी इतनी महान 
मैं भी वहां के वीरों बलिदानों मे अपना नाम कर दूँ।

मिले अगर मुझे भी मौका 
मैं भी खुद को भारत माँ पे बलिदान कर दूँ।
इससे बडा सम्मान और क्या हो
जो मैं अपना जीवन 
भारत माँ को समर्पित कर दूँ।
हे बलिदानी लोग जहां के
उस भारत माँ पे अपना सारा 
जीवन अर्पित कर दूँ।

हे सम्मानित कितने लोग यहा के
क्यो ना मैं भी उनका मान बढाऊ।
हे जो भी अपने हाथों मे 
क्यो ना मैं भी अपनी मुटठी खोल दिखाऊ।
देखे सारा जहाँ
मैं वहाँ भारत माँ का तिरंगा लहराऊ।

हे नमन भारत माँ को 
मैं उन वीरों को सलामी देकर जाऊ।
हे खुद मैं हौसला इतना 
के मैं अपने जहाँ के लिये कुछ करके जाऊ।

मैं भी अपना जीवन 
भारत माँ पे अर्पित कर दूँ ।
हे बलिदानी लोग  जहाँ के
मैं अपना सारा जीवन वहाँ समर्पित कर दूँ।...
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* Swami ganganiya *

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