संदीप कुमार सिंह 25 Nov 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभांवित होंगें। 7609 0 Hindi :: हिंदी
हम बच्चे खुले आकाश के, पिंजरों में बंद नहीं रह पाएंगें। अपने सोच को, नित नवीन उड़ान देना है। दुनिया में विशेष पहचान बनाना है, कदम दर कदम बढ़ते ही जाना है। एक नहीं कई मंज़िल को पाना है, जिंदगी को बेमिसाल बनाना है। हमने यह दृढ़ संकल्प लिया है, दुनिया को सुन्दर सौगात देना है। लोगों के दिल पर प्यार देना है, अमन चैन कायम करना ही है। एक सफल इतिहास लिखना है, आने वाले पीढ़ियों को सजाना है। खुशियों का धरोहर छोड़ जाऊंगा, मरकर भी नाम अमर कर जाऊंगा। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....