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गौ सेवा

Rajnish khandal 10 Mar 2025 कविताएँ समाजिक 8459 0 Hindi :: हिंदी

ये हिंदुत्व की पुकार है,
गौ हानि देश का संहार है।

उठो जन जागो अभी,
ये गौ माता की पुकार है।

इस देश की महानता,
यहां पत्थर पूजे जाते हैं।

पर सोए सारे लाल है,
जगाने पर उठ के आते हैं।

गौ सेवा एक आंदोलन.. है,
इसको तुम उजा..गर करो।

संगठीत हो दहाड़ दो,
ये विचार जन-जन तक जाएगा।

उनको सब है पूजते जो ना साक्षात है,
हानि उनकी हो रही जो विश्व.. की मात है।

ऐसा अब संकल्प लो हम माता को बचाएंगे,
द्वेष - भाव त्यागकर सेवक के आह्वान.. पर आएंगे।

कहीं सर कटा शरीर फटा ऐसा अत्याचार है,
अपनी माँ को ऐसे छोड़ दे ऐसी मानवता पे धिक्कार है।

                ~ रजनीश खाण्डल

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