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गंगा में स्नान किया है

DIGVIJAY NATH DUBEY 04 Jun 2023 कविताएँ समाजिक #ganga #hindikavitayen #bestpoem #digdarshan 9796 1 5 Hindi :: हिंदी

हिमखंडो से निकल के आई
पर्वत से है राग मिलाई
धरती पर उतरी फिर लेकर
अमृत की है धार बनाई
पाप कष्ट से मुक्ति देने
कल कल छल छल करती आई
भागीरथी ने राह दिखाकर
मानव का उद्धार किया है
हैं कितने भाग्यवान सभी जो
गंगा में स्नान किया है

पिंड दान हो दान पुण्य हो
सब तेरे दरिया पे होता
साधु संत राजा रंक
दर पे आके जीर्दित होता
निकली है जिन राहों से
वो रास्ते धन्य हो रहे
जहां कहीं तेरा संगम है
वो भी हैं अन्नय हो रहे
भारत की गरिमा हो तुम
भारत का निर्माण तुम्ही हो
दूर दूर से आतुर आके
तुझे दंडवत मान दिया है
हैं कितने भाग्यवान सभी जो
गंगा में स्नान किया है ।।

दिग्विजय !

Comments & Reviews

Raj Ashok
Raj Ashok मुल्यवान विचार

9 months ago

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