Abhijeet sharma 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 9925 0 Hindi :: हिंदी
मन में बाते आती उतनी सोच रहे हम बैठे कितनी। पूरी हम उनको कर पाए काम की हो जो मेरे जितनी।। ऐसा नहीं है कोई काम जिसका न हो कोई दाम। मोल यहां पर होता सबका काम हो जो हो आराम।।
Mai abhijeet sharma kanpur uttar pradesh se Mujhe likhna pasand hai...