Shivam 20 May 2023 कविताएँ धार्मिक Hanuman, ram, translate,poem, Mahabharata, books, best songs, how to publish Poem etc. 6174 0 Hindi :: हिंदी
जिनकी शक्ति का नही लगा सकते अनुमान, वो है हमारे पवन पुत्र हनुमान। बालपन मे सूर्य देव को गए निगल, इंद्र देव ने बज्र से किया पहल। यह देख क्रोधित हो गए पवन देव, वायु संचार को रोक दिया अब छबड़ा गए त्रिदेव। इंद्र देव ने मांगी क्षमा और हनुमान को ठीक किया, एक - एक कर फिर सभी ने मारुति को था वरदान दिया। बज्र देह पाकर नाम मारुति का बजरंबली पड़ा, टूटे हुए हनु के कारण ही नाम मारुति का हनुमान भी पड़ा। श्री राम की भक्ति में रम - कर हनुमान फूले नहीं समाते थे, बजरंगी की भक्ति देख कर महादेव भी हर्षाते थे। हनुमान जी की शक्ति का साक्षी पूरा समाज रहा था जी, मारुति के मात्र एक प्रहार से रावण भी धरती चाट रहा था जी। मेघनाथ ने जब राम लक्ष्मण को नागपाश में बांध दिया, हनुमान के आग्रह पर गरुण देव ने नागपाश को काट दिया। फिर मेघनाथ ने जब लक्ष्मण पर शक्ति अस्त्र का था प्रहार किया, तब पवन पुत्र ने सुशेन और संजीवनि लाकर लक्ष्मण को था अभयदान दिया। अब लक्ष्मण का क्रोध देख तीन लोक ठर्राया था, लक्ष्मण का क्रोध देख मेघनाथ को काल नजर में आया था, मेघनाथ का मस्तक काट श्री राम के चरणों में गिराया था। हनुमान साथ रहे तो क्यू ही कोई उसे डराएगा, महादेव के रूद्र रूप से क्यू कोई लड़ने आयेगा, अगर काल सम्मुख आया तो वो भी मुकी खायेगा, हनुमत साथ रहे जिसके इस दुनिया में ही नहीं सम्पूर्ण ब्रह्मांड में जीत नहीं कोई पाएगा