Sudha Chaudhary 02 Aug 2023 कविताएँ अन्य हे जीवन गात 16018 0 Hindi :: हिंदी
हे जीवन गात। कहां हो प्राप्त। समय भूलने की इच्छा में किसका जीवन हो परिहास। जीवन में अभिराम कहां बस इच्छा की भेंट चढ़े हैं। किसकी ओर बढ़े किसमें अपना विश्वास रखे हैं। जिसने बरसाया प्रेम कभी उसकी मरुता हम कैसे सहे हैं। उस एक बार के कहने में सौ बार जले हैं। कितना कठिन है तुमसे अपनी नींव बनाना हार गई उस चक्रव्यूह से जिससे निकल नहीं पाना है। सुधा चौधरी बस्ती