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मेरे दर्पण

Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #Rambriksh Bahadurpuri#Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #darpan per kavita 8124 0 Hindi :: हिंदी

कविता -मेरे दर्पण 

हिय का मेरे दर्पण हो तुम 
अर्पण और समर्पण हो तुम।  

अंदर से तुम बाहर से तुम 
मन का मेरे तर्पण हो तुम 
हिय का मेरे दर्पण हो तुम।  

जब जब देखूं तुझको पाऊं 
जल में जल सा मैं मिल जाऊं 
मेरे दिल का आकर्षण हो तुम, 
हिय का मेरे दर्पण हो तुम।  

जल में तुम हो थल में तुम हो 
राते दिन दिन पल-पल तुम हो 
धरा दिशाएं अंबर हो तुम,
हिय का का मेरे दर्पण हो तुम। 

बिम्ब तुम्ही प्रतिबिंब तुम्ही हो
जब भी देखूं तुम ही तुम हो
मेरी आत्मसमर्पण तुम हो,
हिय का मेरे दर्पण हो तुम। 

मुझमें तुझमें भेद नही है
दूर दूर निर्वेद नही है 
दिल का मेरे पदार्पण हो तुम, 
हिय का मेरे दर्पण हो तुम। 

रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी 



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